परिवार सेक्स की कहानी में पढ़ें कि मेरी अम्मी बड़ी हॉट माल थीं. मैं उनकी चुदाई करता था. एक शाम मेरी छोटी बहन ने हमें सेक्स करते देख लिया तो …
दोस्तो, मेरा नाम यासीन है. मेरे घर पर मैं, मेरी बहन, मेरी अम्मी-अब्बू रहते हैं. बाकी परिवार में ताऊ चाचाजान वगैरा सब गांव में ही रहते हैं. हमारे पास बहुत जमीन है और हम खूब पैसे वाले लोग हैं.
आपने मेरी पिछली सेक्स कहानी
सेक्स की प्यासी अम्मी की मदद की
पढ़ी ही होगी कि मैंने कैसे अपनी अम्मी के साथ चुदाई के मज़े किए. इस सेक्स कहानी के पिछले भाग का लिंक दे रहा हूँ, एक बार पढ़ कर मजे लीजिए.
मेरी पिछली परिवार सेक्स की कहानी में आपने पढ़ा था कि मेरी अम्मी बड़ी हॉट माल थीं और अब्बू उनकी चुदाई करके उन्हें संतुष्ट नहीं कर पाते थे. मैंने उन्हें पटा लिया और उनकी चुत गांड दोनों चोद कर मजा ले लिया. मेरी अम्मी भी मेरे लंड से संतुष्ट हो गई थीं.
अब आगे की परिवार सेक्स की कहानी:
तो दोस्तो, वैसे तो हम दोनों अब रोज ही सेक्स के मज़े ले लेते थे. तब भी एक दिन कुछ ऐसा वाकिया हुआ, जो आपके लंड खड़े कर देगा और लड़कियों व भाभियों की चुत गीली कर देगा.
ये बात तब की है, जब अब्बू टूर पर बंगलोर गए हुए थे और मेरी बहन अपनी कोचिंग क्लास के लिए गई हुई थी. वो अपनी कोचिंग से शाम को 8 बजे से पहले आने वाली नहीं थी.
अम्मी ने मुझे फोन करके ये सब बताया और कहा- आज बहुत दिन बाद मौक़ा मिल रहा है, तू जल्दी से घर आ जा!
मैं कॉलेज से जल्दी घर आ गया. घर आते ही मैंने दरवाजा खोला और अम्मी को आवाज देने लगा.
मेरी अम्मी तो चुदने के लिए पहले से ही तैयार थीं. उन्होंने एक पिंक कलर की नाइटी पहन रखी थी. इस झीनी सी नाइटी में से उनकी चूचियां एकदम साफ़ झलक रही थीं. मैंने अम्मी की चूचियां देख कर ही गर्म हो गया. मुझे मेरे लंड में कुछ कुछ होने लगा था.
मैं अम्मी की तरफ आया और उनको अपनी बांहों में खींच लिया.
अम्मी हंस कर बोलीं- बेटा ज़रा कंट्रोल करो, पहले खाना खा ले, अभी तो सिर्फ 12 ही बजे हैं. मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ. मैं यहीं हूँ.
ये बोलकर वो किचन में खाना लाने के लिए चली गईं. मैं भी उनके पीछे पीछे चला गया. मैंने अम्मी के पीछे से जाकर उन्हें अपनी बांहों में कसकर पकड़ लिया.
वो बोलीं- बेटा पहले खाना तो खाले .. फिर सब कर लेना.
मैंने उनकी चूचियां दबाते हुए कहा- पहले मुझे दूध पीना है.
अम्मी बोलीं- वो सब खाने के बाद में मिलेगा.
मेरा मन पहले अम्मी की चुत चोदने का था, मगर वो मान ही नहीं रही थीं.
मैंने मन मसोस कर अम्मी की बात मानी और हम दोनों ने एक साथ खाना खाया.
खाने के बाद मैंने अम्मी की तरफ वासना से देखा तो अम्मी बोलीं- बस दस मिनट और रुक जा, तू पहले चेंज तो कर ले. जा, अपने बेडरूम में जा, मैं वहीं आती हूँ.
मैं खुशी के अम्मी को देखता हुआ अपने कमरे में चला गया. मुझे चेंज क्या करना था. मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और बेड पर नंगा बैठ गया.
मैं अम्मी के आने का इन्तजार करने लगा. तभी मुझे अम्मी की पाजेब की आवाज़ सुनाई दी.
अगले ही पल अम्मी मेरे कमरे में आ गई थीं. जैसे ही अम्मी मेरे कमरे में दाखिल हुईं, मैंने उन्हें अपनी बाजुओं में दबोच लिया और किस करने लगा उनके मम्मों को दबाने लगा.
अम्मी भी मेरा साथ दे रही थीं. हम दोनों काफी दिनों बाद सेक्स कर रहे थे तो अम्मी की चुत में भी काफी आग लगी हुई थी.
धीरे धीरे अम्मी को चूमते हुए मैंने उनकी पिंक कलर की नाइटी उतार दी. मेरी अम्मी मेरे सामने अब सिर्फ ब्रा और पैंटी में ही रह गई थीं. मैंने तो पहले ही अपने सारे कपड़े निकाल दिए थे.
अम्मी ने मुझे धक्का दिया और बेड पर गिरा दिया. मैं अपने कमरे के दस इंच मोटे गद्दे पर गिर गया. जब मैं गद्दे पर गिरा, तो अम्मी ने बैठ कर मेरा लंड पकड़ किया और अपने नाजुक हाथों से मेरा लंड सहलाने लगीं. एक मिनट से भी कम समय में अम्मी ने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगीं.
अम्मी ने मेरे लंड पर आठ दस चुप्पे मारे और पूरा लंड मुँह में ले लिया. अम्मी के लंड मुँह में लेते ही मैं तो बस जन्नत में पहुंच गया था.
अब मैं उनका सर अपने खड़े लौड़े पर दबा रहा था और लंड आगे पीछे करते हुए अम्मी के मुँह को चोद रहा था. इसमें मुझे बेहद मज़ा आ रहा था. अम्मी भी मेरी गोटियों को सहलाते हुए मेरा पूरा लंड अपने हलक तक लेकर चूस रही थीं.
कुछ ही देर बाद मैं अम्मी के मुँह में ही झड़ गया और एकदम शिथिल हो गया.
अम्मी ने मेरे लंड से निकले रस को पूरा पी लिया था और वो अब भी मेरे झड़े हुए लंड को चूस रही थीं. अम्मी ने मेरे लौड़े को चचोर चचोर कर उसे पूरा खाली कर दिया था.
कुछ देर बाद अम्मी ने जब मेरा लंड अपने मुँह से बाहर निकाला तो लंड फिर से कुछ कुछ खड़ा होने लगा था. ये उनके लगातार चूसते रहने के कारण हुआ था.
अब अम्मी की बारी थी. मैं उठ गया और उनकी ब्रा पैंटी भी निकाल दी.
वो बोलीं- मेरे शोना को दूध पीना है .. आ जा बेटा, मैं तुझे अपना दूध पिला देती हूँ.
ये बोलकर अम्मी ने मेरा सर अपने मम्मों पर दबा दिया. मैं भी अम्मी की तनी हुई चूचियों का मजा ले रहा था.
अम्मी का एक दूध मुँह में भर कर चूस रहा था और दूसरा हाथ से दबाते हुए मसल रहा था. मेरी अम्मी भी मादक सिसकारियां ले रही थीं.
फिर उन्होंने मेरा एक हाथ पकड़ा और अपनी चुत की तरफ ले गईं. मुझे महसूस हुआ कि उनकी चुत एकदम रसीली हुई पड़ी थी .. मतलब वो गर्म हो चुकी थीं.
मैंने अब उन्हें बिस्तर पर लिटा दिया और उनकी रसभरी चुत पर अपना मुँह रख दिया. मेरी जुबान ने अम्मी की चुत का स्पर्श किया तो आह क्या नमकीन पानी मेरे मुँह में आ गया था.
उधर अम्मी ने मेरी जीभ का टच अपनी चुत पर किया, तो वो और जोर जोर से तड़फने लगीं और गांड उठाते हुए मादक सिसकारियां भरने लगी थीं.
मैंने उनकी चुत के रस को काफी मस्ती से चाटा और उनकी चुत में आग लगा दी.
अम्मी से अब रुका ही नहीं जा रहा था. वो मुझे गाली बकने लगी थीं- अब आ भी जा मादरचोद … अपनी अम्मी को चोद दे भैन के लौड़े … क्यों तड़फा रहा है हरामी.
ये सुनकर मैंने लंड उनकी चुत में पेल दिया.
एकदम से लंड घुसा, तो अम्मी जोर से चिल्ला पड़ीं- आह आराम से चोद सांड के जने … साले अम्मी हूँ … तेरी कोई बाजारू रंडी नहीं हूँ.
मैंने उनकी एक नहीं सुनी .. बस मैं जोर जोर से झटके मार रहा था. दो चार झटकों में ही अम्मी की चूत को लंड का मजा आने लगा. वो गांड उठाते हुए चुदाई का मजा लेने लगीं.
कुछ ही देर की धकापेल चुदाई के बाद अम्मी अपनी चरम सीमा पर पहुंच गई थीं. वो तेज तेज सीत्कार भरते हुए झड़ गईं और उन्होंने मुझे कसके जकड़ लिया. मगर मेरा काम अभी बाकी था.
एक मिनट रुक कर उनकी चुत को पूरी तरह से झड़ जाने दिया अफिर मैं बोला- अम्मी अब आप घोड़ी बन जाओ, मुझे आपकी गांड मारनी है.
अम्मी बोलीं- जब तूने पिछली बार गांड मारी थी, तो पता है मुझे कितना दर्द हुआ था. नहीं .. आज तू मेरी गांड नहीं, चुत ही चोद ले.
मैंने अम्मी को मना कर दिया और उन्हें उल्टा लेटने को कहा. वो भुनभुनाती हुई कुतिया बन गईं. मैंने एक पल की भी देरी नहीं की और झट से अपना लंड अम्मी की गांड में पेल दिया.
वो दर्द से चिल्ल उठीं और बोलीं- आह मर गई रे.. उईल्ला .. कितना बेदर्द है .. रुक जा मादरचोद आ .. एयाया .. आआआ … मेरी फाड़ दी हरामी ने.
मैं उनकी चिल्लपौं पर ध्यान दिए बिना जोर जोर से उनकी गांड मारे जा रहा था.
कुछ ही देर में अम्मी की गांड का दर्द खत्म हो गया और अब वो भी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी थीं.
थोड़ी देर बाद मैं भी उनकी गांड में झड़ गया और ऐसे ही उनकी पीठ के ऊपर लेट गया.
उन्होंने मुझे बाजू किया और चूम लिया. हम दोनों जोर जोर से किस करने लगे. करीब बीस मिनट बाद अम्मी ने अपने हाथ से मेरे आधे खड़े हो चुके लंड को अपनी चुत में डाल लिया और मुझसे लिपट कर किस करने लगीं. उनकी जुबान मेरे मुँह में चल रही थी, इससे मेरा लंड तनाव महसूस कर रहा था.
हम दोनों वैसे ही लिपट कर मजे लेने लगे. कुछ देर बाद अम्मी मेरे लंड पर चढ़ गईं और कूदने लगीं. दस मिनट बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए और वैसे ही नंगे चिपक कर सो गए.
जब मेरी आंख खुली, तो सामने दीवार पर लगी घड़ी पर मेरी नजर गई. मैंने देखा कि 8 बज गए हैं. अब मेरी बहन आने ही वाली होगी.
मैंने अम्मी को उठाया.
अम्मी उठ गईं और उन्होंने मुझे हग करके किस किया.
मैंने कहा- आठ बज गए हैं.
वो झट से उठीं और कपड़े पहनकर बाथरूम में चली गईं.
मैं भी कपड़े पहन कर कमरे से बाहर आया, तो मेरे आंखें खुली की खुली रह गईं. मेरी बहन सोफे पर बैठी थी. वो मेरी तरफ देखकर बोली- हो गई भाई नींद पूरी!
उसकी आवाज से मेरा तो अन्दर से गला सूख गया.
तभी अम्मी भी कमरे से बाहर आ गईं. तो उनकी भी बोलती बंद हो गई.
वो बस मेरी बहन को देखती रह गईं.
उन्होंने पूछा- तुम कब आई सना!
मेरे बहन इतरा कर बोली- जब आप घोड़ी बनी थीं और भाई आपको पीछे से कुछ कर रहे थे.
अब अम्मी और हम दोनों चुपचाप हो गए थे. हम दोनों को लगा कि हम गए.
लेकिन तभी सना ने एक बम और फोड़ा- मेरे पास उस काम की रिकॉर्डिंग भी है और कुछ फोटो भी हैं. यदि आप दोनों चाहते हैं कि ये सब ये अब्बू के पास ना तो जाएं, तो आपको एक काम करना पड़ेगा.
अम्मी ने घबरा कर मेरी बहन से कहा- क्या करना होगा?
वो बोली- भाई ने जो आपके साथ किया है, उन्हें बोलो कि वो मेरे साथ भी सब करें.
तब अम्मी उस पर चिल्ला कर बोलीं- तुम दोनों सगे भाई बहन हो, तुम्हें शर्म ही आती है या नहीं!
मेरी बहन बोली- तो आप कौन सी दूध की धुली हैं. आपने भी तो अपने बेटे के साथ सेक्स किया है न!
अम्मी कुछ नहीं बोलीं, लेकिन इधर मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे कि आज परिवार सेक्स में बहन भी चोदने को मिल जाएगी.
अम्मी ने मेरी ओर देखा और बोलीं- बेटा, जा इसके मन के अरमान पूरे कर दे.
इस पर मेरी बहन बोली- मैं तब सेक्स करूंगी, जब मेरी मर्ज़ी होगी. मुझे अपने भाई के साथ चुदाई करने में आप भी बीच में नहीं आओगी.
अम्मी कसमसा कर बोलीं- ठीक है.
चूंकि अम्मी के पास इसको मानने के अलावा दूसरा कुछ विकल्प ही नहीं था.
फिर बहन मुझे हाथ पकड़ कर कमरे में अन्दर ले गई.
अब इधर मैं आपको अपनी बहन के बारे में बता दूं. मेरी बहन का नाम सना है, वो 20 साल की है. उसकी फिगर तो खुदा की नेमत है. उसके बड़े चूचे, बड़ी सी गांड .. इतनी मस्त है कि क्या कहूँ. वो जब बाहर निकलती है .. तो सब उसकी चूचियों और गांड को ही देख कर लंड हिलाने लगते हैं.
कमरे में ले जाते ही सना ने डोर लॉक किया और मुझे बेड पर ढकेल दिया. वो मेरी गोद में बैठकर मुझे किस करने लगी. मेरा एक हाथ उसकी चूचियों को मसल रहा था और एक हाथ उसकी गांड पर घूम रहा था.
थोड़ी देर बाद मैंने सना की टी-शर्ट ऊपर कर दी और उसके मम्मों को दबाने लगा. अब मैं उसके मम्मों को बारी बारी से चूस रहा था.
तब वो बोली- भाई कैसे है मेरे बूब्स … अम्मी से अच्छे हैं कि नहीं!
मैंने कहा- अभी पूरे देखने दो, तो पता चलेगा.
वो उठी, तो मैंने उसकी टी-शर्ट और स्कर्ट निकाल दी.
वो केवल पैंटी में कुछ दूर होकर मेरे सामने खड़ी हो गई. मैंने देखा कि मेरी बहन सना के चूचे मस्त लग रहे थे. उसके चूचे अम्मी से काफी बड़े और एकदम सुडौल थे. वो जिम भी जाती थी, इसलिए उसके मम्मे एकदम मस्त थे.
मैंने कहा- अम्मी से ज्यादा मस्त हैं.
वो खुश होकर मुझे उंगली के इशारे से अपने करीब बुलाने लगी.
मैं आगे बढ़ा और उसके एक दूध को चूसने लगा. एक हाथ मैं उसकी चुत पर फेरने लगा. वो गर्म सिसकारियां भरने लगी.
थोड़ी देर बाद सना बोली- भाई, अब देर मत करो जल्दी से अन्दर पेल दे. अब और मत तड़पाओ.
मैंने भी देर न करते हुए उसकी एक टांग उठाई और अपना खड़ा लंड चुत में पेल दिया. उसकी चुत चुदी हुई थी मगर काफ़ी टाइट थी. लंड लेते ही सना जोर जोर से चिल्लाने लगी.
मुझे भी ऐसा लगा कि मेरा लंड कोई किसी चिमटी में दबा रहा है. मैंने लंड चुत से बाहर निकाला और उसे बिस्तर पर लेटने को कहा. मैं लंड पर वैसलीन लगा कर फिर से पोजीशन में आया और उसकी चुत में लंड डाल कर जोर जोर से चोदने लगा. अब वो मजे से चुदवा रही थी. कुछ देर बाद वो मेरे ऊपर आ गई और 5 मिनट बाद वो झड़ गई. उसी के साथ मैं भी झड़ गया.
मैं काफी थक गया था क्योंकि मैंने अम्मी के साथ भी चुदाई की थी.
सना मेरे सीने पर लेटी रही और मुझे चूमती रही. कुछ देर बाद उसने अपने कपड़े पहने और बाहर जाने से पहले उसने जोर जोर से मुझे किस किया.
फिर हंस कर बोली- चलो, पहले खाना खा लेते हैं, बाकी मजे रात को करेंगे.
हम दोनों बाहर आ गए. अम्मी ने खाना लगाया. अब अम्मी भी खुश थीं और बहन भी.
अब मेरे परिवार सेक्स के लिए दो चुत घर में ही उपलब्ध थीं.
जब भी कमरे में अम्मी के साथ अब्बू होते, तो मेरी बहन सना मेरे कमरे में आ जाती और हम दोनों चुदाई के मज़े करते.
यदि अम्मी की चुदने की इच्छा होती, तो वो सना को कह देती और मेरी बहन अब्बू को साथ ले जाकर बाहर कहीं निकल जाती. उन दोनों के जाते ही अम्मी के चुत चुदाई के मज़े मिल जाते थे. बस यूं समझिए कि लाइफ का असली मजा आने लगा था.
तो दोस्तो, कमेंट्स लिख कर बताना कि कैसी लगी मेरी परिवार सेक्स की कहानी. मुझे इन्तजार रहेगा.
Ek bar maa ko madarchod bna diya fir to sagi bahen Kon se lund ki muli hai
ReplyDeleteI'm Single BOY LOOKING FEMALE GIRLS'AUNTY FRIENDSHIP IN BANGALORE CITY' 9036647998 CALL ME WHAT'S APP ME ONLY FEMALES
ReplyDelete